हाईकोर्ट ने 15000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में ऐसे शिक्षामित्रों को नियुक्ति देने का निर्देश दिया है, जिन्होंने दूरस्थ माध्यम से बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है और भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए थे।
बेसिक शिक्षा विभाग ने दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षामित्रों को काउंसलिंग में शामिल करने से इंकार कर दिया था। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत इनकी काउंसलिंग कराई गई, मगर परिणाम जारी नहीं किया गया।
संभल जिले के बाबू खान और अन्य शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने परिणाम जारी कर नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक प्रदेश सरकार की योजना के तहत शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया था। एनसीटीई ने एक जनवरी 2011 को इसकी अनुमति भी दे गई थी। इनमें से कई प्रशिक्षण स्नातकों ने 15000 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन किया था, मगर दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने इनको काउंसलिंग में शामिल नहीं किया था।
अंतरिम आदेश के तहत दिया था निर्देश
अधिवक्ता ने दलील दी कि जब एनसीटीई ने प्रशिक्षण की अनुमति दे दी है तो फिर इस वजह से नियुक्ति देने से इंकार करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए परिणाम जारी कर नियुक्ति देने पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
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