Wednesday, January 17, 2018

शिक्षकों के अंतर जिला तबादले को ऑनलाइन आवेदन 23 जनवरी तक


इलाहाबाद (जेएनएन)। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के अंतर जिला तबादले को ऑनलाइन आवेदन मंगलवार अपराराह्न से शुरू हो गए हैं। पहले दिन कुछ जिलों के छिटपुट शिक्षकों ने ही आवेदन किया है। 23 जनवरी की शाम पांच बजे तक आवेदन होने हैं ऐसे में अब यह प्रक्रिया जोर पकड़ेगी। विभागीय सूत्रों की मानें तो करीब दस हजार आवेदन होने की उम्मीद है लेकिन, जिलों में रिक्त पदों के सापेक्ष महज 25 फीसदी पदों पर ही तबादले किए जाएंगे, ताकि शिक्षकों का अनुपात गड़बड़ाने न पाए।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की बहुप्रतीक्षित मांग छह माह बाद पूरी हो रही है। परिषद की वेबसाइट पर मंगलवार से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। परिषद सचिव ने इस संबंध में 13 जनवरी को विज्ञप्ति जारी की और 15 जनवरी को ही तबादलों की गाइड लाइन सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दी है, ताकि आवेदन उसी के अनुरूप हो सकें। परिषद की ओर से निर्देश में कहा गया है कि आवेदन में गलती होने पर शिक्षक स्वयं दोषी होगा। इस प्रक्रिया में फाइनल आवेदन के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसलिए सारी सूचनाएं सही तरीके से अंकित करें। हर शिक्षक को अपना पासपोर्ट साइज का फोटो भी अनिवार्य रूप से अपलोड करना है।
आवेदन के बाद संबंधित शिक्षकों को आवेदन की प्रति और अन्य साक्ष्य बीएसए कार्यालय में जमा करना है, ताकि उनका सही से सत्यापन हो सके।हर शिक्षक तीन जिलों के लिए दावेदारी कर सकता है। गृह जिले को छोड़कर अन्य जिले में जाने के लिए शिक्षक के पास तार्किक कारण होना चाहिए। जिले पर होने वाली काउंसिलिंग में इस पर सवाल पूछे जाएंगे। पहले दिन अधिकांश शिक्षक गाइड लाइन के अनुरूप अपने अभिलेख इकट्ठा करने में ही जुटे रहे, इसीलिए छिटपुट आवेदन ही सके हैं। हालांकि अंत तक में दावेदारों की संख्या तेजी से बढऩा तय है। 
 प्राथमिक में गाजियाबाद, उच्च प्राथमिक में 20 जिलों में पद नहीं
परिषदीय स्कूलों के अंतर जिला तबादले के लिए शिक्षक सचेत होकर ऑनलाइन आवेदन करें, क्योंकि प्रदेश के तमाम ऐसे जिले हैं, जहां रिक्त पद ही नहीं हैं। इसमें प्राथमिक में गाजियाबाद व उच्च प्राथमिक सहायक अध्यापक वाले 20 जिलों में एक भी स्थान खाली नहीं है। हालांकि इस बार मंडल मुख्यालय वाले जिलों में प्राथमिक के सहायक अध्यापकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। इनमें से कई जिलों में पिछली बार तबादला आवेदन लेने से ही विभाग ने इन्कार कर दिया था।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्रदेश भर के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 40 हजार 766 और उच्च प्राथमिक के सहायक अध्यापक के 6719 पद रिक्त हैं। विभाग कुल रिक्त पदों 47 हजार 485 के सापेक्ष केवल 25 फीसद पदों यानी 11 हजार 871 तबादले करेगा। प्राथमिक स्कूलों में गाजियाबाद इकलौता ऐसा जिला है, जहां पर सहायक अध्यापक का एक भी पद रिक्त नहीं है। वहीं, जौनपुर में 1292, हरदोई में 1285, सीतापुर में 1065, लखीमपुर खीरी में 1036 व बहराइच में 1011 पद रिक्त हैं। मंडल मुख्यालय के सभी जिलों में प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापक के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। इनमें इलाहाबाद (666), वाराणसी (294), लखनऊ (139), गोरखपुर (763), बरेली (774), आगरा (576), मेरठ (127), मिर्जापुर (647), बस्ती (814), झांसी (362), चित्रकूट (393), फैजाबाद (568), गोंडा (797), मुरादाबाद (535), कानपुर नगर (289), आजमगढ़ (790) व सहारनपुर (372) पद रिक्त हैं।

इसके उलट प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक/उच्च प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापकों की रिक्त पदों की संख्या बहुत कम है। बीस जिलों बुलंदशहर, हापुड़, आगरा, मैनपुरी, एटा, हाथरस, मथुरा, कौशांबी, गाजीपुर, लखनऊ, उन्नाव, देवरिया, बाराबंकी, सुलतानपुर, अमेठी, मुरादाबाद, अमरोहा, बलिया, मऊ व शामली में एक भी पद खाली नहीं है। हालांकि लखीमपुर खीरी में 723, शाहजहांपुर में 456, सोनभद्र में 353, गोंडा में 335, बलरामपुर में 323 और बहराइच में 328 पद रिक्त हैं। परिषद ने जिलावार शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची जारी की है, ताकि उसी के अनुरूप ऑनलाइन आवेदन हो सके। साथ ही छात्र और शिक्षकों का अनुपात भी गड़बड़ाने न पाए। इसीलिए उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का स्थानांतरण करने से इस बार मना किया गया है।

पहले बड़े शहरों में थी नो इंट्री 
परिषद ने पिछली बार अंतर जिला तबादले के पहले ही प्रदेश के बड़े शहरों लखनऊ, कानपुर नगर, गाजियाबाद, मेरठ सहित कई जिलों की सूची जारी करके कहा था कि उन जिलों के लिए शिक्षक आवेदन नहीं करें, क्योंकि वहां शिक्षक तय पदों से पहले से अधिक हैं। इस बार उन्हीं जिलों में ठीक-ठाक पद हैं। असल में सपा सरकार ने जाते-जाते बड़ी संख्या में तबादले किए थे, उनमें तमाम शिक्षक ऐसे भी थे, जो एक वर्ष के अंदर ही दूसरे जिलों में तबादला कराकर पहुंच गए। इससे रिक्त पद बढ़ गए हैं।

समायोजन निरस्त होना भी बड़ा कारक
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया है। यह शिक्षामित्र समायोजित शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। यह भी बड़े जिलों में रिक्त पदों की संख्या बढऩे का अहम कारण माना जा रहा है।  

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