अध्यापक पात्रता परीक्षा 2017 के रिजल्ट देखते ही शिक्षामित्रों की आशाओं पर पानी फिर गया। इसके साथ ही शिक्षक बनने का पहला मौका ज्यादातर शिक्षामित्रों के हाथ से निकल गया। प्राइमरी स्तर पर केवल 47975 फीसदी अभ्यर्थी ही पास हुए हैं जबकि टीईटी देने वाले शिक्षामित्रों की संख्या लगभग 1.40 लाख थी।
25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने 1.30 लाख शिक्षामित्रों को समायोजन रद्द कर दिया है। इसके साथ ही इन्हें दो लगातार भर्तियों में मौका देने का आदेश दिया है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों के लिए 68,500 शिक्षकों की भर्तियां होनी हैं। इसके पहले टीईटी करवाने का फैसला खासतौर पर शिक्षामित्रों के लिए ही लिया गया था लेकिन रिजल्ट को देखते हुए अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि शिक्षामित्रों की एक बड़ी संख्या इस परीक्षा में बाहर हो गई है।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के लिए टीईटी पास करने के बाद ही शिक्षक भर्ती में भाग लेने का मौका मिलता है लेकिन अब शिक्षा मित्रों को अगले वर्ष की टीईटी का इंतजार करना होगा। प्रदेश के स्कूलों में पौने दो लाख शिक्षामित्र समय-समय पर नियुक्त किए गए थे। इनमें से 1.30 लाख शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए थे। 20-23 हजार शिक्षामित्र टीईटी पास भी कर चुके हैं लेकिन इन सबको टीईटी पास करने के बाद शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। इन दो परीक्षाओं में पास होने और मेरिट में अव्वल बनने के बाद ही ये शिक्षक बन पाएंगे।
हमारी सूचनाओं के मुताबिक लगभग 20 हजार शिक्षामित्र प्राइमरी स्तर की परीक्षा में सफल हुए हैं। मेरा सरकार से अनुरोध है कि अगली बार आयोजित होने वाली टीईटी में शिक्षामित्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। टीईटी में सफल शिक्षामित्रों को बधाई, असफल शिक्षामित्र निराश न हो।
जितेन्द्र शाही, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन
जितेन्द्र शाही, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन
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