Wednesday, February 28, 2018

क्या आपने पढ़ा उपेक्षित कुमार का पत्र : अंग्रेजी के सबसे सही उत्तर देने वाले छात्र के प्रार्थना पत्र का हिंदी अनुवाद इस तरह है...सोशल मीडिया में वारयल

अंग्रेजी के सबसे सही उत्तर देने वाले छात्र के प्रार्थना पत्र का हिंदी अनुवाद इस तरह है
सेवा में
जिलाधिकारी *नगर*
राज्य *प्रदेश*
महोदय निवेदन इस प्रकार है कि मैं जिस प्राथमिक विद्यालय में पढ़ा उसमें कक्षा तीन तक केवल एक शिक्षामित्र थे जो समय के बहुत पाबंद थे किंतु चौथी कक्षा वाले साल में कई कठिन परीक्षाओं को पास करने वाले मेरे एक अत्यंत विद्वान शिक्षक मेरे विद्यालय में आये। ये जो स्नेहशील विद्वान शिक्षक विद्यालय में आए तो उन्होंने अपनी ओर से भरसक प्रयास किया कि हम बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करें लेकिन कभी उनकी ड्यूटी बीएलओ में लगा दी जाती थी ,कभी किसी और काम में _ जनगणना से लेकर पशुगणना तक सारी ड्यूटियों में बार-बार उन्हें लगा दिया जाता था इसलिए हमारी पढ़ाई पटरी से उतर गई और गांव में यह भ्रम फैल गया ये नया शिक्षक बहुत ही नाकारा है तथा जानबूझकर छुट्टी लेता है मेरे बाल-मन ने भी यही समझा कि यह अध्यापक अपने कार्य के प्रति लापरवाह है। हम सब ग्रामवासियों की धारणा पुष्ट होती चली गई हद तो तब हुई जब साल के अंत में परीक्षा से पूर्व मेरे अध्यापक ने पाठों की पुनरावृत्ति करानी चाही तो ठीक उन्हीं दिनों उनकी ड्यूटी माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा बोर्ड परीक्षा मैं लगा दी गई
नो डिटेंशन पॉलिसी के चलते बिना किसी पढ़ाई के ही जिस तरह सभी मूर्ख विद्यार्थी पास हुए उसी तरह अन्य मेधावी साथी माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश पा गए यहां ना तो स्टाफ की कोई कमी थी ना हमारे प्राथमिक विद्यालय की तरह संसाधनों का कोई अभाव था लेकिन यहां के अध्यापक जानबूझकर हमें नहीं पढ़ाते थे वह सोचते थे कि *अगर सही से पढ़ाई करा देंगे तो दुधारू गाय की तरह परीक्षा में नकल के नाम पर इनका दोहन कैसे किया जाएगा* इसलिए 20-30 मास्टरों का भरा पूरा स्टाफ आपसी राजनीति और गप्पबाज़ी में व्यस्त रहता था। हमें ना तो कक्षा में पढ़ाया गया और ना ही समुचित तरीके से प्रैक्टिकल कराए गए परिणाम स्वरुप पिछले वर्ष बोर्ड की परीक्षा में बिना तैयारी के ही हम बैठे तो हम सब से नकल के नाम पर एक मोटी धनराशि की मांग की गई मैं गरीब परिवार से था वह पैसे नहीं दे सका तो हमें नकल की कोई सामग्री नहीं दी गई जबकि *धनाढ्य लेकिन मूर्ख बच्चों के लिए अलग कमरे में सामूहिक नकल की व्यवस्था कराई गई* जिससे वे सभी बच्चे तो पास हो गए परंतु पढ़ाई के अभाव में मैं फेल हो गया
तब माध्यमिक शिक्षा विभाग की इन कारगुजारियों के चलते *मुझे अफसोस हुआ कि मेरा वह एक अकेला अध्यापक जो अपने प्राथमिक विद्यालय को चलाना चाहता था उसके प्रति मेरी धारणा कितनी गलत थी* महोदय आज मैं जान गया हूं कि प्राथमिक *विद्यालयों की दुर्दशा के लिए प्राथमिक के अध्यापक नहीं अपितु सीधे तौर पर आप अर्थात जिलाधिकारी दोषी थे* जो कि मेरे प्राथमिक विद्यालय के विद्वान अध्यापकों को तमाम तरह की ड्यूटियों में लगाते रहे मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि मेरे प्राथमिक कक्षाओं के अध्यापकों को तमाम तरह की ड्यूटी से मुक्त कीजिए एवं माध्यमिक विद्यालयों में कैमरे की व्यवस्था आपने की है इस व्यवस्था को दुरुस्त कीजिए *इस साल इन्हें बिना कमाई के परीक्षाएं करानी पड़ रही हैं तो साल भर ये अपनी खीज प्रथमिक शिक्षा विभाग पर निकालते रहे* लेकिन अगले वर्ष पढ़ाना भी पड़ेगा इस साल मेरे कई साथियों द्वारा परीक्षा छोड़ देने से मेरी बात को बल मिलता है
आप चाहें तो बेसिक में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू कर दें किन्तु प्रार्थना है कि उससे पूर्व RTE के मानकानुसार छात्र-शिक्षक अनुपात को सही करवा दें तथा शिक्षकों को अन्य ड्यूटी से मुक्त करके शिक्षकोचित वातावरण देने में सहायता करें मैं जानता हूँ कि हमारे प्राथमिक अध्यापक हमें पढ़ाने में पूर्णतः सक्षम हैं
आपका
*उपेक्षित कुमार*
रोल नंबर - 9 (no)
कक्षा भाइ स्कूल/इंटर ईडीएट
माध्यमिक विद्यालय मक्कार पुरा
जिला _नगर
राज्य  _प्रदेश

काँटेंट स्रोत : व्हाटऐप्स सोशल मीडिया

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