सहारनपुर : बेसिक स्कूलों में कक्षा शिक्षण में गुणवत्ता सुधार तथा शैक्षिक प्रबंधन में आने वाली समस्याओं के हल की की गई है। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए जिले से पांच अध्यापकों का चयन किया जाएगा। कोशिश है कि सूचना एवं संचार तकनीकी का प्रयोग करके दिए जाने वाले ज्ञान से बच्चे लंबे समय तक लाभान्वित होंगे।
1परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। शिक्षकों के प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद लखनऊ की ओर से आइसीटी आधारित शिक्षण प्रतियोगिता का खाका खींचा गया है। आइसीटी यानि सूचना एवं संचार तकनीकी के प्रयोगों द्वारा शिक्षक छात्रों को सही एवं प्रामाणिक जानकारी प्रभारी ढंग से उपलब्ध करा सकें। परिषद का मानना है कि कक्षा-शिक्षण में आइसीटी के प्रयोग से विविधता रहती है और इससे बच्चों की ज्ञानेंद्रियों के विकास के साथ ही अर्जित ज्ञान लंबे समय तक स्मरण रहता है। इसके लिए परिषद ने शिक्षण प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह प्रतियोगिता उन शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की जा रही है जिनके द्वारा शिक्षण में आइसीटी एवं नवीन तकनीकी विधाओं का उपयोग कर अपने स्कूल में बच्चों के नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि के साथ-साथ बच्चों का शैक्षिक स्तर ऊपर उठाना है।1पांच शिक्षकों का होगा चयन: प्रतियोगिता हेतु जिला स्तर पर पांच अध्यापकों का चयन किया जाएगा। परिषद से निर्देश है कि अध्यापकों का चयन उनके द्वारा आईसीटी आधारित कक्षा-शिक्षण के वीडियों के प्रस्तुतीकरण के आधार पर किया जाए। वीडियो अधिकृत पांच मिनट का होगा। तीन सदस्यीय विशेषज्ञों का पैनल कई आधार बिंदुओं पर वीडियो का प्रस्तुतीकरण 25-30 जनवरी के बीच चेक करेगा। परिषद के निदेशक की ओर से संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को गाइड लाइन भेजी है।परिषद से प्राप्त निर्देंर्शो के आधार पर शिक्षकों का चयन करने के लिए आवश्यक कार्यवाही आरंभ की जा रही है। जल्द ही चयन की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी।1राजसिंह यादव, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी
1परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। शिक्षकों के प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद लखनऊ की ओर से आइसीटी आधारित शिक्षण प्रतियोगिता का खाका खींचा गया है। आइसीटी यानि सूचना एवं संचार तकनीकी के प्रयोगों द्वारा शिक्षक छात्रों को सही एवं प्रामाणिक जानकारी प्रभारी ढंग से उपलब्ध करा सकें। परिषद का मानना है कि कक्षा-शिक्षण में आइसीटी के प्रयोग से विविधता रहती है और इससे बच्चों की ज्ञानेंद्रियों के विकास के साथ ही अर्जित ज्ञान लंबे समय तक स्मरण रहता है। इसके लिए परिषद ने शिक्षण प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह प्रतियोगिता उन शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की जा रही है जिनके द्वारा शिक्षण में आइसीटी एवं नवीन तकनीकी विधाओं का उपयोग कर अपने स्कूल में बच्चों के नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि के साथ-साथ बच्चों का शैक्षिक स्तर ऊपर उठाना है।1पांच शिक्षकों का होगा चयन: प्रतियोगिता हेतु जिला स्तर पर पांच अध्यापकों का चयन किया जाएगा। परिषद से निर्देश है कि अध्यापकों का चयन उनके द्वारा आईसीटी आधारित कक्षा-शिक्षण के वीडियों के प्रस्तुतीकरण के आधार पर किया जाए। वीडियो अधिकृत पांच मिनट का होगा। तीन सदस्यीय विशेषज्ञों का पैनल कई आधार बिंदुओं पर वीडियो का प्रस्तुतीकरण 25-30 जनवरी के बीच चेक करेगा। परिषद के निदेशक की ओर से संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को गाइड लाइन भेजी है।परिषद से प्राप्त निर्देंर्शो के आधार पर शिक्षकों का चयन करने के लिए आवश्यक कार्यवाही आरंभ की जा रही है। जल्द ही चयन की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी।1राजसिंह यादव, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी
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