लखनऊ. उत्तर प्रदेश नए साल पर प्रदेश के शिक्षकों को बड़ा तोहफा दे सकती है। प्रदेश सरकार शिक्षकों को नियमतिकरण का तोहफा दे सकती है।
इसके लिए विभाग ने इसका प्रस्ताव कैबिनेट में भेजने की योजना बना ली है। कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाने के बाद इस साल के अंत तक नियमतीकरण के आदेश जारी होने की उम्मीद है।
सपा सरकार में हुआ था नियमतीकरण
बता दें की इससे पहले समाजवादी सरकार में 22 मार्च 2016 को अधिसूचना जारी कर करीब 800 तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया गया था। अब बाकी बचे तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अस्थायी व्यवस्था के तहत 1993 से 25 जनवरी 2001 के बीच 1921 तदर्थ शिक्षक नियुक्त किए गए थे। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से सूचना मांगी है। इसके बाद कैबिनेट के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मामले पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का कहना है, ‘तदर्थ शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उच्च न्यायालय का भी आदेश है, उन्हें नियमित किया जाए। इसके लिए कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है।’
कोर्ट के आदेश से मिल रहा था वेतन
शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए नियुक्त किए गए तदर्थ शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी नहीं हटाया गया। हालांकि लंबे अर्से तक काम करने के बाद सरकार ने उन्हें हटाने के निर्देश दिए तो तदर्थ शिक्षकों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय के आदेश पर ही इन्हें वेतन दिया जा रहा है।
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