Sunday, February 12, 2017

UPTET शिक्षामित्रों को टीईटी में छूट देने की मांग---पत्र पर शिक्षामित्र संघ ने दिया स्पष्टीकरण

UPTET शिक्षामित्रों को टीईटी में छूट देने की मांग---पत्र पर शिक्षामित्र संघ ने दिया स्पष्टीकरण
मित्रों आज सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ जिसके कारण आप जाग गये! और बगैर विधिक जानकारी के अपने अपने राग अलापने लगे, तो बताना चाहते है! उसमे ऐसा कुछ भी गलत नही है! क्योकि मामला भारत की सबसे बडी अदालत मे बिचाराधीन है! कोई भी संस्था या सरकार न्यायालय मे लम्बित प्रकरण मे हस्तक्षेप नही 
कर सकता! जैसे आपको अपनी नौकरी प्यारी है! बैसे सबको अपनी नौकरी प्यारी है! रही बात उस पत्र की तो उसकी अन्तिम दो लाईन को भी पढो जिसमे साफ कहा गया है! इस मामले मे आगे की कार्यवाही माननीय उच्चतम न्यायालय के अन्तिम फैसले के बाद की जायेगी!* मित्रो उन्नाव के सांसद साक्षी जी महाराज ने माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी को एक पत्र लिखा था कि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रो को पैराटीचर मानते हुये उन्हे टीईटी से छूट देने की मांग की गई थी! जिसके जबाब मे उन्होने कहा कि अभी हम कुछ नही कर सकते फैसले के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी! क्या यह कम है अब इस सम्बन्ध में आपको यही बताना है कि हमारी बर्बादी का कारण कौन है! जब नितेश्वर कुमार कह रहे थे तो कुछ लोग गोमती के किनारे कुडंली मार कर बैठ गये थे! अपने विवेक का प्रयोग करो और भविष्य को बचाने के प्रति निम्न बातो पर चिन्तन करो! क्या हम पैरा शिक्षक है! अगर है तो हाईकोर्ट मे सिद्ध क्यो नही हुये! क्या हमारा समायोजन करने से पहले केन्द्रीय संस्था से बिचार बिमर्श किया जाना जरूरी नही था! क्या हम राजनीति के शिकार हुये, क्या अब हमारा भविष्य बचेगा, अगर बचेगा तो कैसे और कौन बचा सकता है! इसलिये आप लोग परेशान व हताश न हो, क्योंकि इस समय हमारा केस माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जिस कारण कोई भी संस्था स्पष्ट रुप से लिखित में कुछ नहीं कह सकती। साथ ही उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी लगी हुई है। जिस कारण कोई भी संवैधानिक पद पर रहते हुए स्पष्ट रूप से लाभ देने के लिये कोई भी घोषणा नहीं कर सकता। और यह पत्र आचार संहिता लागू होने के बाद ही 01 फरवरी 2017 को जारी हुआ है, इसलिए इससे परेशान ना हों। और वैसे भी इस तरह के अनेक पत्र पहले भी जारी हो चुके हैं। और इस पत्र में भी एनसीटीई को अधिकृत किया जाना दर्शाया गया है। और जबकि विगत 26 अक्टूबर 2015 को एनसीटीई द्वारा जारी पत्र में हमें वर्किंग टीचर मानते हुए 2001 से सर्विस में माना गया है। इसलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में जीत हमारी ही होगी। क्योंकि हमें माननीय सुप्रीम कोर्ट पर पूर्ण विश्वास है। और साथ ही केंद्र सरकार ने अपने घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) मे भी वादा किया है! ईधर राज्य सरकारें पहले से ही हमारे साथ हैं। इसलिए आप लोग इस तरह के पत्रों से बिल्कुल निराश ना हों। क्योंकि हमारी नौकरी राज्य व केंद्र दोनो सरकारे बचायेगी! और इसके लिये समय का इंतजार करो, हमें पूरी उम्मीद है कि दोनों सरकारें माननीय सुप्रीम कोर्ट में हमारा ही पक्ष रखेंगी। क्योकि वर्तमान केन्द्र की सरकार ने साफ कहा कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम तीन माह मे शिक्षामित्रो की नौकरी की सारी समस्याओ को दूर कर देगे! इसके साथ ही अन्य दो दलो ने भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शिक्षामित्रो को तरजीह दी है! इसलिये कर्म करो फल ऊपर बाले व माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर छोड दो, और इस समय हमारा पहला कर्म है कि हम आने वाली 22 फरवरी की सुनवाई की मजबूत तैयारी करे! साथ ही किसी भी राजनैतिक पार्टी का ना खुलकर सपोट करे ना विरोध, क्योकि ग्यारहा मार्च के बाद पता नही ऊंट किस करबट बैठ जाये! क्योकि जो भी सरकार बनेगी उससे हम लोगो से बहुत उम्मीदे होगी! दूसरी तरफ आप लोगो को कुछ चाटुकार निजी स्वार्थ बस अपनी दुकाने सजाये रखने के लिये इस पत्र के माध्यम से उकसायेगे! और आप लोग सोसल मीडिया पर अनर्गल बोलेगे जिसका आने बाले समय मे विरोधी गलत उपयोग करेगे! इसलिये धैर्य के साथ अच्छे पैरवीकारो को सहयोग करो


1 comments:

  1. UPTET Result 2017 may be come anytime on the official website of UPTET. You can download UPTET Result 2017 by updating by UPTET.

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