Tuesday, February 14, 2017

BTC शिक्षकों की फैक्ट्री में ‘सुधार’ का ताला , प्रवक्ताओं को आधार कार्ड से जोड़ने व कालेजों की ग्रेडिंग करने का मामला

प्राथमिक स्कूलों के लिए शिक्षक तैयार करने वाले बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग संस्थान यानी बीटीसी कालेज अपने यहां सुधार करने को तैयार ही नहीं है। यही वजह है कि कालेजों की ग्रेडिंग हो या फिर प्रवक्ताओं को आधार कार्ड से जोड़े जाने की योजना धरातल पर उतर नहीं सकी है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद उप्र एससीईआरटी और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव लगातार पत्र भेज रहे हैं। उस पर अमल करना दूर सूचनाएं देने तक में हो रही है। प्रदेश में बीटीसी के निजी कालेजों की भरमार है, इसके बाद भी लगातार कालेज खुलते जा रहे हैं। वहां पठन-पाठन का स्तर भी उसी रफ्तार से गिर रहा है। तमाम हिदायतों के बाद भी सुधार न होने पर पहले पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ। ऐसा पाठ्यक्रम बनाया गया कि प्रशिक्षुओं को पढ़ना और शिक्षकों को पढ़ाना ही होगा। इसके बाद भी शैक्षिक गुणवत्ता नहीं सुधरी। प्रशिक्षु सेमेस्टर परीक्षाएं तक उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे हैं। अफसरों ने एनसीटीई से संपर्क करके उन कारणों की पड़ताल की आखिर बीटीसी कालेजों में पढ़ाई क्यों नहीं हो पा रही है। इसमें यह सामने आया कि एक ही प्रवक्ता कई कालेजों में पंजीकृत है और उनका पढ़ाई से लेना-देना नहीं है। कथित प्रवक्ताओं के बलबूते बड़ी संख्या में निजी कालेज चल रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए योजना बनी कि सभी कालेजों के प्रवक्ताओं से पहचान पत्र लेकर उनका आधार कार्ड एनसीटीई की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए तो वह जहां भी पंजीकृत होंगे तस्वीर सामने आ जाएगी। इसी के तहत कालेज प्रबंधकों से प्रवक्ताओं का रिकॉर्ड मांगा गया, लेकिन अभी तक गिने चुने कालेजों ने ही रिकॉर्ड मुहैया कराया है। यही नहीं कालेजों की ग्रेडिंग करने का भी निर्देश जारी हुआ। यानी हर कालेज को टीईटी के परीक्षा परिणाम के आधार पर ए, बी, सी व डी ग्रेड दिए जाने थे। इससे यह लाभ होता कि हर जिले में कालेजों के बीच उम्दा परिणाम देने की होड़ मचती और काउंसिलिंग में अभ्यर्थी भी अच्छी ग्रेडिंग वाले संस्थान का चुनाव करते। इस संबंध में सभी डायट प्राचार्यो और निजी कालेज प्रबंधकों से रिपोर्ट मांगी गई है, कालेज इसे भी नहीं दे रहे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि इस संबंध में सभी जिलों को कड़ा पत्र भेजा गया है। यदि संस्थान इसमें देरी करेंगे तो उन पर कार्रवाई के लिए निदेशक को रिपोर्ट भेजेंगे।’

प्रवक्ताओं को आधार कार्ड से जोड़ने व कालेजों की ग्रेडिंग करने का मामला

एससीईआरटी एवं परीक्षा नियामक के निर्देश पर अमल नहीें



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