Sunday, February 12, 2017

रजिस्ट्रेशन से अब दूर हो रहे बेरोजगार, भत्ते की छूटी आस

रजिस्ट्रेशन से अब दूर हो रहे बेरोजगार, भत्ते की छूटी आस

जागरण संवाददाता, लखनऊ : नौकरी की आस में सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों की संख्या घट रही है। पिछले चुनाव में बेरोजगारी भत्ता देने के एलान के बाद जो संख्या 1.75 लाख तक पहुंच गई थी, वह अब घटकर 77 हजार रह गई है। आलम यह है कि लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। 1वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्त्ता देने का एलान किया था। आचार संहिता के दौरान राजधानी समेत प्रदेश के 92 सेवायोजन कार्यालयों में भत्ते की आस में बेरोजगारों की उमड़ी भीड़ ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी थी। भत्ते के लिए पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या प्रदेश में 79 लाख पहुंच गई थी। हालांकि, 13 लाख को ही बेरोजगारी भत्ते का लाभ दो साल तक मिल सका। इसके बाद योजना के तहत बजट का प्रावधान नहीं किया गया और योजना बंद हो गई। इस चुनाव में पार्टियों की ओर से बेरोजगारी भत्ते की घोषणा न होने से अब कार्यालयों पर सन्नाटा है। प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या भी अब घटकर 68 लाख पहुंच गई है। सहायक निदेशक सेवायोजन आरसी श्रीवास्तव ने बताया कि ऑनलाइन पंजीयन की वजह से कार्यालय के बजाय बेरोजगार अन्य स्थानों से पंजीयन करा लेते हैं, इसकी वजह से कार्यालय में भीड़ कम रहती है। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस वर्ष पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों की संख्या काफी कम है।जागरण संवाददाता, लखनऊ : नौकरी की आस में सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों की संख्या घट रही है। पिछले चुनाव में बेरोजगारी भत्ता देने के एलान के बाद जो संख्या 1.75 लाख तक पहुंच गई थी, वह अब घटकर 77 हजार रह गई है। आलम यह है कि लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। 1वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्त्ता देने का एलान किया था। आचार संहिता के दौरान राजधानी समेत प्रदेश के 92 सेवायोजन कार्यालयों में भत्ते की आस में बेरोजगारों की उमड़ी भीड़ ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी थी। भत्ते के लिए पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या प्रदेश में 79 लाख पहुंच गई थी। हालांकि, 13 लाख को ही बेरोजगारी भत्ते का लाभ दो साल तक मिल सका। इसके बाद योजना के तहत बजट का प्रावधान नहीं किया गया और योजना बंद हो गई। इस चुनाव में पार्टियों की ओर से बेरोजगारी भत्ते की घोषणा न होने से अब कार्यालयों पर सन्नाटा है। प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या भी अब घटकर 68 लाख पहुंच गई है। सहायक निदेशक सेवायोजन आरसी श्रीवास्तव ने बताया कि ऑनलाइन पंजीयन की वजह से कार्यालय के बजाय बेरोजगार अन्य स्थानों से पंजीयन करा लेते हैं, इसकी वजह से कार्यालय में भीड़ कम रहती है। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस वर्ष पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों की संख्या काफी कम है।’>>पिछले चुनाव में भत्ते की आस में उमड़ी थी भीड़ 1’>>राजधानी में 1.75 लाख से घटकर संख्या हुई 77 हजार

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