और प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ के अंतर्गत करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है। जिससे गरीब घर के बच्चो का भविष्य संवर सके लेकिन विद्यालय में बच्चों से पढाई के बजाए गोबर से पोछा लगवाकर शिक्षा को तार-तार किया जा रहा है। आपको बता दें कि चन्द्रभूषणगंज घोरवारा डलमऊ में कस्तूरबा गांधी महिला विद्यालय बना हुआ है। जिसमें गरीब तबके के छात्रायें पढ़ती हैं और उसी
छात्रावास में रहती है जहां पर साफ-सफाई के लिए एक कर्मी नियुक्त हैं जो वार्डेन की सह पर खुद काम ना करके छात्राओ से गोबर की लिपाई-पोताई कराती हैं जिससे छात्राओं को पढ़ने में तो कम लेकिन साफ-सफाई का ज्ञान ज्यादा दिया जा रहा है। वार्डेन सीता यादव ने बताया कि छात्राओं से रंगोली बनवाने के लिए साफ-सफाई कराई जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारी बात करनी चाही गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
छात्रावास में रहती है जहां पर साफ-सफाई के लिए एक कर्मी नियुक्त हैं जो वार्डेन की सह पर खुद काम ना करके छात्राओ से गोबर की लिपाई-पोताई कराती हैं जिससे छात्राओं को पढ़ने में तो कम लेकिन साफ-सफाई का ज्ञान ज्यादा दिया जा रहा है। वार्डेन सीता यादव ने बताया कि छात्राओं से रंगोली बनवाने के लिए साफ-सफाई कराई जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारी बात करनी चाही गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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