लेटलतीफी से आजिज यूपी बोर्ड ने 2013-14 सत्र के समय कक्षा 9 एवं 11 का ऑनलाइन पंजीकरण कराने का फैसला किया। यह निर्णय इतना कारगर रहा कि बोर्ड ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, बल्कि बढ़े हौंसले के साथ अगले ही साल से हाईस्कूल व इंटर के परीक्षा फार्म भी ऑनलाइन भरवाना शुरू कर दिया। अब हर साल यूपी बोर्ड में 60 लाख से अधिक छात्र ऑनलाइन पंजीकरण करा रहे हैं और इतने की परीक्षार्थी ऑनलाइन फार्म भरते हैं। इसका असर रहा कि नौकरी की दावेदारी हो या फिर प्रशिक्षण पाने का आवेदन हर जगह ऑनलाइन हो रहा
है। 1नए साल में ऑनलाइन आवेदन से आगे निकलने एवं परीक्षा कराने में तकनीक का साथ लेकर और बड़ी लकीर खींचने की तैयारी है। इसकी पहल भी हो गई है। कर्मचारी चयन आयोग यानी एसएससी ने बीते आठ जनवरी से सीएचएसएल टियर वन का इम्तिहान ऑनलाइन लेना शुरू किया है। इसमें देश भर के 64 लाख से अधिक परीक्षार्थी हैं, फिर भी एसएससी ने कदम बढ़ा दिए हैं। यह परीक्षाएं इस समय चल रही हैं। 1खास बात यह है कि दिसंबर 2016 में एसएससी की सीजीएल परीक्षा ऑनलाइन हुई थी उसमें कई जगहों पर सर्वर डाउन आदि की शिकायतें मिली थी। इन अड़चनों से नसीहत लेकर एसएससी ने तैयारी की और उसका नतीजा सामने है। माना जा रहा है कि चयन आयोग अब आगे की अन्य बड़ी परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही कराएगा। 1इस दिशा में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग भी बढ़ने को कमर कस रहा है। बीते दिसंबर माह में इलाहाबाद में देश भर के राज्य लोकसेवा आयोग की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ कि आयोग बड़ी परीक्षाएं (जिनमें अधिक परीक्षार्थी बैठते हैं) ऑनलाइन ही कराए। असल में यूपी का लोकसेवा आयोग इधर पेपर आउट व परीक्षा में अनियमितताओं से जूझ रहा है। पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा तक का पेपर आउट हो चुका है। कुछ माह पहले आरओ/एआरओ का पेपर लीक हुआ। इस पर ऑनलाइन परीक्षा के जरिये बेहतर तरीके से अंकुश लगाया जा सकता है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ऑनलाइन आवेदन, कंप्यूटर के लिए कोड एलाटमेंट आदि कार्य कर रहा है। उधर, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, शिक्षा निदेशालय एवं बेसिक शिक्षा परिषद भर्तियों में ऑनलाइन आवेदन तक अभी सीमित हैं।
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