भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2012 के चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया था कि पिछड़े वर्ग की कुछ अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाएगा लेकिन अब जबकि केंद्र में उसकी सरकार है तो इस बार वादे को भुला दिया गया।
भाजपा ने वादा किया था कि राजभर, निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, बियार, केवट, मछुआ चौहान (नौनिया) व गौड़ को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार से भाजपा सरकार प्रबल संस्तुति करेगी। जब यह वादा किया गया था तब केन्द्र में कांग्रेस सरकार थी, लेकिन अब जब केन्द्र में भाजपा की सरकार है तो भाजपा चुनावी घोषणा पत्र में अपने इस वादे को पूरी तरह से डकार गई।
पिछले चुनाव के घोषणा पत्र में भाजपा ने राम मंदिर मुद्दे को छुआ तक नहीं, लेकिन इस बार सुनियोजित तरीके से कहा गया कि संविधान के दायरे में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सभी संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
भाजपा ने लैपटॉप और टेबलेट देने का वादा तो 2012 के घोषणा पत्र में किया था। अंतर यह है तब 5 हजार रुपए में लैपटॉप और एक हजार में टेबलेट देने की बात कही गई थी, पर इसबार हर माह एक जीबी इंटरनेट के साथ फ्री में लैपटॉप देने का वादा किया है।
आरक्षण का वादा भी इस बार नहीं
पिछले चुनाव में हर परिवार की बेटी को 30 हजार का बांड के बदले में बेटी की 21 साल की उम्र हो जाने पर 2 लाख देने की बात कही गई थी, लेकिन इस बार 50 हजार का विकास बांड लेकर 2 लाख रुपये देने का वादा किया गया है। पिछले चुनाव में लोकसभा, नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण और स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों में 50 फीसदी आरक्षण का वादा घोषणा पत्र में कहीं नहीं दिखा।
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